मिथिला पंचांग के अनुसार भूमिपूजन अथवा गृह आरम्भ के मुहूर्त 2024 में

मिथिला पंचांग के अनुसार भूमिपूजन अथवा गृह आरम्भ के शुभ मुहूर्त  2024 मे कब है और इसको क्यूं किया जाता है इसके बारे मे आपको इस पोस्ट के सहायता से सारी जानकारी मिलेगी । 

भूमिपूजन अथवा गृह आरम्भ,

                                

जब भी हम नए जमीन (प्लॉट) लेते है तो उसमे निर्माण कार्य करने से पहले वहाँ पूजा करना चाहिए। जिससे वहाँ निवास एवं व्यपार मे सुख शांति और तरक्की हो सके यही कामना के साथ लोग भूमिपूजन करते है। 

मिथिला पञ्चाङ्ग के अनुसार जनवरी 2024 में  भूमिपूजन अथवा गृह आरम्भ दिन 

जनवरी महीना में एक दिन शुभ मुहूर्त है भूमिपूजन के लिए जो इस प्रकार से है-

        महीना----दिन

  • 25 जनवरी----गुरुवार 

मिथिला पञ्चाङ्ग के अनुसार फ़रवरी  2024 में भूमिपूजन अथवा गृह आरम्भ दिन 

फ़रवरी महीना में चार दिन शुभ मुहूर्त है भूमिपूजन के लिए जो इस प्रकार से है-

          महीना----दिन

  • 19 फ़रवरी----सोमवार 
  • 21 फ़रवरी----बुधवार  
  • 26 फ़रवरी----सोमवार 
  • 29 फ़रवरी----गुरुवार 


*मिथिला  पंचांग के अनुसार मार्च 2024 में भूमिपूजन के लिए कोई भी शुभ दिन निर्धारित नहीं है।

मिथिला पञ्चाङ्ग के अनुसार अप्रैल 2024 में  गृह आरम्भ  के लिए शुभ दिन 

अप्रैल महीना में एक दिन शुभ मुहूर्त है भूमिपूजन के लिए जो इस प्रकार से है-

       महीना----दिन

  • 26 अप्रैल----शुक्रवार

*मिथिला  पंचांग के अनुसार मई और जून 2024 में भूमिपूजन के लिए कोई भी शुभ दिन निर्धारित नहीं है।

मिथिला पञ्चाङ्ग के अनुसार जुलाई 2024 में  गृह आरम्भ  के लिए शुभ दिन 

जुलाई महीना में एक दिन शुभ मुहूर्त है भूमिपूजन के लिए जो इस प्रकार से है-

       महीना----दिन

  • 19 जुलाई----शुक्रवार


भूमि पूजन क्या है?

भूमिपूजन घर की नींव रखने से पहले एक अनुष्ठान है जो घर के शुरुवात करने से पहले देवीय आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए किया जाता है इसमे धरती माँ एवं अन्य देवी देवता का पूजा किया जाता है। इसके कई सारे लाभ प्राप्त होते है ।  

भूमि पूजन की विधि 

  1. आमतौर पर सब जगह यह अनुष्ठान एक ही तरह से होता है , लेकिन हम आपको मिथिला मे भूमिपूजन कैसे करते है उसकी विधि बता रहे है । 
  2. सबसे पहले स्नान करके आपको शुद्ध कपड़े पहनना चाहिए। 
  3. जमीन (प्लॉट) के उत्तर दिशा मे एक शुद्ध स्थान पर पूजा के लिए बैठना चाहिए। 
  4. पूजा करते टाइम पूरब की ओर मुख करके बैठे एवं पंडितजी को उत्तर के तरफ मुख करके बैठना चाहिए । 
  5.  भूमिपूजन की शुरुआत गणेशजी के पूजा के करना चाहिए । 
  6. पूजा-हवनआदि करने के बाद त्रिभुज के आकार में एक गड्ढा खोद कर उसमे घर बनाने की नींव रखा जाता है और 
  7. त्रिभुज आकार वाले गड्डे मे चांदी का नाग, कछुआ और छिपकली आदि रखा जाता है।    

भूमिपूजन के लिए आवश्यक सामग्री

नारियल, सुपारी, तेल या घी, दीप, पानी, कुमकुम, चावल,हल्दी पाउडर,फूल, फल, प्रसाद,कपूर, अगरबत्ती,पंचधातु इत्यादि समान की जरूरत भूमिपूजन मे आपको पड़ेगा।