जट जटीन लोकनृत्य || Jat Jatin Dance

जट जटीन बिहार के एक प्रसिद्ध लोकनृत्य के रूप में जाना जाता है यह नृत्य बारिश के लिए एक प्रार्थना के साथ शुरू होता है । इस लोकनृत्य का आरंभ बिहार के मिथिला भाग के समस्तीपुर जिले की पटोरी नामक गांव से माना जाता है , लेकिन एक मान्यता के अनुसार इस लोकनृत्य की उत्पत्ति मिथिला के राजा जनक के दरबार में हुआ था।


Jat jatin dance

जट और जटीन का वेश-भूषा बहुत ही आकर्षक और मनमोहक होता है, जट सफेद धोती कुर्ता और सर पर लाल रंग का मुरैठा बंधे रहते हैं उनके चेहरे पर रंगीन काजल और हाथ में ढोलक रहता है इसी प्रकार जटनी लहंगा-चोली और सर पर घूंघट उठे रहती है उनके हाथ में भी मंजीरा होता है ।

जट जटीन लोकनृत्य कब किया जाता हैं:

जब वर्षा के बिना धरती  आग उगल रही होती है और खेतो में पानी के बिना फसल सूखने  के करीब पहुंच जाता है तब गांव के लोग बारिश के देवता इंद्र को खुश करने के लिए जट-जटीन लोकनृत्य का आयोजन करते है जिसके बाद मान्यताओं के अनुसार इंद्र देब खुश होकर बारिश कराते है जिससे खेतों के फसल पानी से फिर से लह लहा उठते है । 

जट जटीन लोकनृत्य कैसे करते है :

जट जटीन नृत्य में दो टोली होते हैं जिसने से एक पक्ष को जट और दूसरी पक्ष को जटीन बोला जाता है जिसमें जट पुरुष होते हैं और जटीन महिलाएं होते हैं जाट जटीन नृत्य में दोनों पक्ष एक दूसरे के प्रति सम्मान और प्रेम का इजहार करते हैं और एक दूसरे को गीत गाकर सुनाते हैं और नृत्य करते हैं इसमें वह नृत्य और अपने हवाओं से एक दूसरे पर व्यंग भी करते हैं । जाट जटीन नृत्य में दोनों पक्ष एक दूसरे को छूते नहीं है नाच-गा करके नोक-झोंक और मान मनोबल कर के सुखी दंपति जीवन का कामना करते हैं ।

इस लोक कला में दोनों पक्ष के द्वारा एक-दूसरे पर व्यंग के रूप में कटाक्ष करते हैं एक तरफ से जट बोलते हैं तो दूसरी तरफ से उनका उत्तर जटीन के द्वारा दिया जाता है इस लोक कला को प्रश्नोत्तरी शैली में प्रस्तुत किया जाता है इस लोकनृत्य कला का एक खास बात यह है कि इसमें जट और जटीन का अभिनय करने वाले दोनों तरफ महिलाएं या कुंवारी लड़की के द्वारा ही प्रस्तुत किया जाता है इस तरह से इसमें जट का रोल भी महिला या किसी कुंवारी लड़की द्वारा ही किया गया होता है । कभी "फणीश्वर नाथ रेणु' ने कला संस्कृति और भाषा पर प्रकाश डालते हुए जट जटीन लोकनृत्य का अपने आंचलिक उपन्यास मैला आंचल में जिक्र किए हैं। 


जट जटीन लोकनृत्य दो प्रकार के होते हैं:

1. पंचम: इसमें पांच लोगके द्वारा निर्मित किया जाता है, जिसमें 2 जाटऔर तीन जटीन होते हैं ।

2. सप्तम: इसमें 7 लोगोंके द्वारा निर्मित किया जाता है, जिसमें तीन जट और चार जटीन होते हैं ।


जट जटीन लोकनृत्य से संबंधित कुछ रोचक तथ्य

  1. इस लोकनृत्य में गाए जाने वाला गीत को जट-जटीन गीत कहा जाता है ।
  2. इस नृत्य के गीतों में प्रेम-रस, बिरह-रस, व्यंग-रस एवं हास्य-रस का वर्णन मिलता है।
  3. इस लोकनृत्य का पैटर्न बहुत ही कठिन और जटिल होते हैं ।
  4. एक नृत्य प्रतियोगिता के रूप में भी जट जटीन लोकनृत्य का आयोजन किया जाता है ।

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जट जटीन लोकनृत्य का मिथिला के समाज पर प्रभाव

  • यह लोकनृत्य मिथिला के परंपरा और संस्कृति को प्रदर्शित करता है ।
  • यह मनोरंजन का भी एक अच्छा साधन है।
  • यह लोकनृत्य मिथिला के लोगों कोअपनी संस्कृति और परंपरा केबारे में समझनाऔर उसके गहने अतीत को जानने का अवसर प्रदान करता है।
  • यह नृत्य लोगों को एक साथ लाता है जिससे उनमें आपसी भाईचारे का भावना पैदा होता है।


जाट जटीन लोकनृत्य को संरक्षित करने के उपाय :

  • इस लोकनृत्य को स्कूलों और कॉलेज में पढ़ाया जाना चाहिए ।
  • जाट लोकनृत्य को फिल्मों और नाटकों के माध्यम से हमें पूरी समाज को दिखाना चाहिए।
  • सरकार के तरफ से भी इस लोक नृत्य को संरक्षित करने का प्रयास किया जाना चाहिए। 
  • आज 4G और 5G के युग में हमारे पूर्वजों से चले आ रहे हैं परंपराऔर लोककला या लोकनृत्य विलुप्त होने के कगार पर पहुंच चुके हैं ।


निस्कर्ष:

मिथिला की एक अनमोल धरोहर के रूप में जाट जटीन लोकनृत्य जाना जाता है और हमे में इस धरोहर को संरक्षित और बढ़ावा देना चाहिए मिथिला के हर एक त्यौहार और उत्सव में जाट जटीन लोक नृत्य किया जाता है, इसलिए हम मिथिलावासी का यह दायित्व बनता है कि हम इस आधुनिकता के युग मैं हमारे समृद्ध और विविध इस लोकनृत्य का प्रचार-प्रसार करना चाहिए जिस से हमारे आने वाले पीढ़ी को यह मनोरंजन के साथ-साथ इस विविधता से भरी हुई लोकनृत्य का आनंद ले सके। 



जट-जटिन नृत्य का नाम कहाँ से आया है?

जट-जटिन नृत्य का नाम "जट" और "जटिन" शब्द से आया है। जट पुरुष और जटिन महिला को संदर्भित करते हैं।

जट-जटिन नृत्य कब और कहाँ मनाया जाता है?

जट-जटिन नृत्य मुख्य रूप से बिहार और झारखंड के मिथिला क्षेत्र में मनाया जाता है। यह नृत्य आमतौर पर त्योहारों और शादियों के अवसर पर मनाया जाता है।

जाट जटीन किस राज्य का नृत्य है?

यह उत्तर बिहार का बहुत ही प्रसिद्ध लोकनृत्य है खासकर मिथिला और कोशी के भाग में इस लोकनृत्य को किया जाता रहा है।

जट जटीन डांस सॉन्ग ?

1. टिकवा जब हम मंगलयो रे जट्टा... टिकवा काहे नै लैली रे..? टिकवा जब हम मंगईलयो रे जट्टा... टिकवा काहे नै लैली रे..? 2. चुमकार खेला जट-जटिन, रउआ पिया के संग 3. झूमर खेला जट-जटिन, सखी के संग 4. चकई खेला जट-जटिन, तेज-तेज धूम से